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9 को पेंशन पर उखड़े पेंशनर, 39 कांग्रेस विधायकों के घेराव और कार्यक्रमों में विरोध की चेतावनी

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शिमला: पेंशन पर हिमाचल में सियासत गरमा गई है। पहली तारीख को पेंशन का इंतजार कर रहे हिमाचल प्रदेश के 1.75 लाख से ज्यादा पेंशनर्स के हाथ निराशा लगी है। प्रदेश सरकार ने हिमाचल में पेंशन भोगियों को 9 तारीख को पेंशन का भुगतान करने का निर्णय लिया है। इसी बीच हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पेंशनर समय से पेंशन के भुगतान न होने, लम्बे समय से लंबित पड़े DA और एरिया के भुगतान और विभिन्न मांगों पर संज्ञा न लेने को लेकर सरकार से नाराज हैं और बड़ा आंदोलन चेताया है। 39 कांग्रेस विधायकों के घेराव और कार्यक्रमों में विरोध की चेतावनी दी है।

वहीं नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम ने भी सरकार पर पेंशन को लेकर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि लंबे समय तक प्रदेश में अपनी सेवाएं देने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ सरकार का यह भेदभाव शर्मनाक है। पेंशनर्स के साथ सरकार यह भेदभाव क्यों कर रही है। जिन्हें अपने परिवार के साथ रहना चाहिए वह आज अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। क्या इसी दिन के लिए लोगों ने प्रदेश को अपनी सेवाएं दी है कि जब वह उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचे तो अपने हक़ के लिए सड़कों पर लड़ रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान आत्माराम शर्मा ने बताया कि प्रदेश में पेंशनर्स ने अपनी मांगों को लेकर सभी जिला मुख्यालय में धरने और प्रदर्शन की साथ ही जिला उपयुक्त के माध्यम से ज्ञापन भी मुख्यमंत्री को सौंपे है। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलने की बात कही थी। परंतु मुख्यमंत्री की ओर से अभी तक उन्हें नहीं बुलाया गया है। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री अभी भी उनकी बात नहीं सुनते हैं तो पेंशनर मुख्यमंत्री के अलावा सभी 39 कांग्रेस विधायकों को पेंशनर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेंगे। वहीं जरूरत पड़ी तो सभी विधायकों का घेराव किया जाएगा और सार्वजनिक कार्यक्रमों में विधायकों का विरोध जताएंगे। इसके अलावा मांगे न मानने पर पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने दशहरे के बाद शिमला में बड़े विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है। इससे पहले मंडी में पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के सभी जिला कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक भी प्रस्तावित की गई है. इस बड़ी बैठक में पेंशनर आगे की रणनीति को लेकर मंथन करेंगे। हिमाचल प्रदेश में पेंशनर की समय पर पेंशन के भुगतान लंबित पड़े DA और एरियर के भुगतान के साथ-साथ जल्द से जल्द JCC के गठन की मुख्य मांगे हैं।

 

उधर, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला से जारी बयान में कहा कि प्रदेश में पेंशनर्स को महीनें की पांच तारीक को मिलने वाली पेंशन अब सरकार दस तारीख़ को देगी। सरकार हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स के साथ भेदभाव कर रही है। लंबे समय तक प्रदेश में अपनी सेवाएं देने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों के साथ सरकार का यह भेदभाव शर्मनाक है। पेंशनर्स के साथ सरकार यह भेदभाव क्यों कर रही है। जिन्हें अपने परिवार के साथ रहना चाहिए वह आज अपने हक की मांग को लेकर सड़कों पर हैं। क्या इसी दिन के लिए लोगों ने प्रदेश को अपनी सेवाए दी है कि जब वह उम्र के इस पड़ाव पर पहुंचे तो अपने हक़ के लिए सड़कों पर लड़ रहे हैं। सरकार पेंशन समय से देने से परहेज क्यों कर रही है। पेंशन लोगों का हक है और सरका इस मुद्दे को हल्के में न ले। प्रदेश के लोगों को ऐसा व्यवस्था परिवर्तन नहीं चाहिए, जिसमें हर आदमी को अपने वाजिब हक के लिए सड़कों पर उतरना पड़े।
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में हमेशा वेतन हर महीनें की एक तारीख को और पेंशन पाँच तारीख को पेंशन आती थी। लेकिन सरकार सेनानिवृत कर्मचारियों को दस तारीख़ को पेंशन दी जाएगी। सरकार पेंशनर्स के साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है, जैसे वह पेंशन देकर एहसान कर रही है। पेंशन उनका हक है। लेकिन सरकार ऐसे पेंशन दे रही है जैसे कि सरकार अपनी जेब से दे रही है। पेंशनर्स के भी निर्धारित खर्चे होते हैं। उन्हें अपनी दवाई और राशन का इंतज़ाम करना होता है। घर परिवार के खर्चे होते हैं। जब पेंशन देर से आएगी तो वह कहाँ से अपनी दवाई और खर्चे का इंतज़ाम करेंगे। इसलिए सरकार पेंशनर्स के मुद्दे को भी गंभीरता से विचार करे और पेंशन एहसान की तरह जारी करने की बजाय पेंशनर्स के हक की तरह समय से जारी करे।